अनुशासन पर लेख 1000 शब्दों में | Anushasan Par Lekh In Hindi

हम अपने आज के इस आर्टिक्ल में अनुशासन पर लेख (Anushasan Par Lekh) अनुसाशन से जुड़ी सभी जानकारियां आपतक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। जिसको अपनाना हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। और जिसके बारे में पूर्ण से रूप से जानना परिक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। आईए देखते है अनुशासन पर लेख किस प्रकार लिखा जाता है। और वास्तव में ये अनुसाशान क्या हैं ? उम्मीद है कि हमारा ये आर्टिकल आप सभी के लिए उयोगी साबित होगा।

अनुशासन पर लेख 500 से 1000 शब्दों में | Anushasan Par Lekh In Hindi 500 To 1000 Words

प्रस्तावना:

अनुशासन व्यक्ति की जीवन की वह कुंजी है। जो उसे सफलता कि सीढ़ियों पर चढ़ने में सहायता प्रदान करती है। बगैर अनुशासन के जीवन का कोई ना तो अस्तित्व होता है और ना ही कोई महत्व होता है। वैसे जीवन का क्या फायदा जिसमे ना तो आपको कोई मान सम्मान मिले। और ना ही आप किसी का मान सम्मान करना जानते हो।

ना तो आपके अंदर एक सफल व्यक्ति का गुण हो। और ना ही आप एक सफल व्यक्ति की पहचान कर सके। जिसका कोई अस्तित्व नहीं होता वैसे जीवन की कोई आवश्यकता नहीं होती। इसलिए अगर हमें अपने जीवन को आम और साधारण से खास बनाना है। अपने व्यक्तित्व को निखारना है। तो हमें अपने जीवन में अनुशासन को सर्वप्रथम महत्व देना होगा।

अनुशासन का अर्थ | Anushasan Ka Arth

अनुशासन पर लेख में आईए देखते हैं अनुशासन का क्या अर्थ है। अनुशासन का निर्माण दो शब्दों के मिलने से हुआ है। अनु+शासन। जिसमें अनु– नियम को दर्शाता है। और शासन– पालन को दर्सता है। अर्थात अनुशासन का अर्थ होता है। नियमों का पालन करना। अर्थात नियंत्रण में रहना। और जो व्यक्ति अनुशासन के इस अर्थ को गहराई से और वास्तविक रूप से समझ लेता है। उसे सफलता पाने से कोई नही रोक सकता।

अनुशासन का वास्तविक अर्थ

वास्तविक रूप से अनुशासन एक गुण है। जो कि हर व्यक्ति में होना चाहिए। परंतु ये गुण स्वयं ही किसी व्यक्ति के अंदर नहीं आता है। इसे अपने अंदर लाया जाता है। या यूं कहूं तो अनुशासन अपने माता-पिता और अपने अध्यापकों द्वारा सीखा जाता है। वास्तविक रूप से अनुशासन का अर्थ, यह होता है कि, अनुशासन एक ऐसा गुण है। जो, किसी व्यक्ति को नियमित, अपने लक्षण के लिए कर्मठ, लगनशील, व्यवहारिक, गुणिजनो की पहचान करना, आदि सिखाता है।

अनुशासन व्याक्ति को मानसिक, शारीरिक, व्यवहारिक हर रूप से सकारात्मक बनता है। अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति सदैव संगठित होता है। नियमित होता है। और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काफी कर्मठ होता है। अर्थात वह पूरे लग्न के साथ मेहनत करता है। तथा वह व्यावहारिक रूप से काफी सज्य होता है। उसे अपनों से बड़ों को किस प्रकार सम्मान देना है। अपने से छोटों को किस प्रकार प्रेम देना है। इन सभी चीजों का भली-भांति ज्ञान होता है। तभी तो वो एक सफल व्यक्ति बन पाता है।

अनुशासन क्यों आवश्यक है ?

अनुशासन क्यों आवश्यक है

अनुशासन पर लेख (Anushasan Par Lekh) में हम जानेंगे कि अनुशासन की आवश्यकता क्यों होती हैं?

हमारे जीवन के सभी क्षेत्र में अनुशासन की बहुत आवश्यकता होती है। क्योंकि सफलता की पहली सीढ़ी ही अनुशासन को कहा जाता हैं। अगर अनुशासन हमारे जीवन में आवश्यक नहीं होती। तो ये हमें बचपन से ही नहीं सिखाया जाता। और ना ही इसे सफलता की सीढ़ी कहा जाता।

  1. जीवन को संतुलित बनाए रखने के लिए : जीवन को संतुलित बनाए रखने के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है।क्योंकि अनुशासन हमें यह सिखाता है कि, हमें अपने जीवन के सभी कार्यों को नियम से और उनके सही समय पर करना चाहिए।
    वरना हमारे जीवन की अर्थव्यवस्था बिगड़ सकती है।
  2. सफलता प्राप्त करने के लिए : सफलता प्राप्त करने के लिए अनुशासन का होना काफी आवश्यक है। इसलिए तो अनुशासन को सफलता की पहली सीढ़ी कहा जाता है। अनुशासन के सभी नियम हमें सफलता पाने में काफी सहायता प्रदान करते हैं। अनुशासन हमें सिखाता है कि, हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कर्मठ होना होगा। लग्नसिल बनना होगा। अपनी मेहनत को नियमित रूप से करते रहना होगा। तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। और जीवन में सफल बन सकते हैं।
  3. आदर्शता के गुण के सृजन के लिए : एक व्यक्ति में आदर्शता के सृजन के लिए अनुशासन की बहुत आवश्यकता होती है। क्योंकि अनुशासन से ही आदर्शता का सृजन हो सकता है। और जिस व्यक्ति में आदर्शता का सृजन होता है। वह सदैव अपने से बड़ों का सम्मान करता है। और अपने से छोटों को प्यार देता है। जिस व्यक्ति के अंदर आदर्श होता है। वह व्यक्ति कभी भी दूसरों का अपमान नहीं करता। हमेशा अपने से बड़े लोगों को इज्जत देता है। और उनकी आज्ञाओ और उनके आशिर्वाद से ही कार्यों का श्री गणेश करता है। एक अच्छे इंसान बनने के लिए, एक अच्छा व्यक्तित्व को जन्म देने के लिए अनुशासन की बहुत आवश्यकता होती है।

अनुशासन का महत्व क्या है ? | Anushasan Ka Mahatva Kya Hain ?

Anushasan Ka Mahatva

अनुशासन पर लेख (Anushasan Par Lekh) में हम आपको बताएंगे कि अनुशासन का महत्व क्या है ? तो आईए जानते हैं अनुशासन का महत्व क्या है।

अनुशासन किसी भी व्यक्ति के जीवन को आम से खास बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि अनुशासन हमें नियमित रूप से संगठित होकर रहना सीखता है। एक सही दिनचर्या के साथ अपने जीवन को जीना सिखाता है। अपने कार्यों को पूरे दिल और लग्न के साथ करना सिखाता है। अपने लक्ष्य के प्रति कर्मठ होना सिखाता है। हमें अपने व्यवहार को सकारात्मक बनाना सिखाता है। तथा हमारे अंदर बड़ों के प्रति सम्मान और छोटों के प्रति प्रेम भाव को जन्म देता है। हमें बाहरी रूप से और आंतरिक रूप से एक सच्चा ईमानदार इंसान बनाता है।

ये हमारे व्यक्तित्व को भी बदलने की क्षमता रखता है। अगर आपका व्यक्तित्व नकारात्मक है। आप व्यावहारिक रूप से काफी नकारात्मक सोचते हैं। परंतु जब आप अनुशासन को अपने जीवन में अपनाते हैं। और अनुशासित व्यक्ति बनते हैं। तो यह आपके विचार, आपके व्यवहार, आपके व्यक्तित्व को सकारात्मक बना देता है। और आपके अंदर सभी के लिए मान–सम्मान, प्यार और दया का भाव उत्पन्न कर देता है। जिससे आपका व्यक्तित्व आम से कई ज्यादा खास बन जाता है।

अनुशासन में रहकर के ही हम समय का सदुपयोग कर सकते हैं। क्योंकि समय किसी के लिए नहीं रुकता। यह सदैव अपने उसी चाल से चलते रहता है। इसलिए अगर हम चाहते हैं कि, समय का सही उपयोग करे तो इसके लिए अनुशासन आवश्यक है। क्योंकि अनुशासन में रहकर के ही हम समय का सदुपयोग कर सकते है। और अपने जीवन की दशा को बदल सकते हैं। अगर हम अपने जीवन में सफल बनना चाहते हैं। तो हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाना बहुत आवश्यक है। अनुशासन के नियमों पर चलना बहुत आवश्यक है।

हमारी जो सृष्टि है। वह किस कारण से बिल्कुल सही तरीके से चल रही ? इसके पीछे का कारण भी अनुशासन ही है। जैसे– नियमित रूप से सूर्य का उगना। और सूर्य का ढलना। नियमित रूप से चांद का उगना। नियमित रूप से समय में परिवर्तन होना। नियमित रूप से खेतों में फसल का होना और उनका कटना। इत्यादि ऐसे कारण है।जिनके नियमित रूप से होने के कारण ही हमारी यह सृष्टि कई हजार वर्षों से अब तक बिल्कुल ठीक तरह से चल रही है। और आने वाले समय में भी नियमित रूप से चलती रहेगी। क्योंकि यहां सभी कार्य नियमित रूप से अपने समय पर होते हैं।

अगर इनमें से एक भी कार्य अपने नियमित रूप से नहीं होंगे। जैसे कि अगर सूर्य नियमित रूप से अपने समय पर नहीं उगेगा और नहीं ढलेगा तो ना तो सुबह होगी और ना ही शाम होगी। जिससे न जाने हमें कौन सी आपदा का सामना करना पड़ेगा। बिल्कुल इसी प्रकार जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन के महत्व को नहीं समझता है। उसे अपने आने वाले भविष्य में इसकी एक महंगी कीमत चुकानी पड़ती है। और उस समय उस व्यक्ति के पास पछताने के अलावा और दूसरा कोई रास्ता नहीं बचता। इसलिए आवश्यक है कि, हर व्यक्ति को समय रहते अनुशासन का ज्ञान हो जाना चाहिए।

अनुशासन से लाभ | Anushasan Se Labh

अनुशासन से लाभ

प्रारंभ में अनुशासन को अपनाना थोड़ा कठिन होता है। परंतु धीरे-धीरे जब आप अनुशासन को पूर्ण रूप से अपने जीवन में अपना लेते हैं। तो आपको जीवन में हर कादम पर केवल और केवल सफलता मिलती है। और आपके अंदर से ये अनुभव होने लगता है। कि आप सफलता के करीब पहुंचाते जा रहे हो। आपके अंदर की सभी नकारात्मकता नष्ट हो जाती है। और आपके अंदर केवल और केवल सकारात्मक का जन्म होने लगता है। जब आप अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हो। तो फिर आपको स्वयं ही ऐसा प्रतीत होने लगेगा कि आप सभी कार्य एक समय पर ही करो।

एक अनुशासन में रहकर ही करो। एक अनुशासित ढंग से करो। फिर खुद आपको सही चीजों का ज्ञान होने लगता है। और गलत चीजों को आप स्वयं ही खुद से दूर कर दोगे। फिर ना तो आपको व्यर्थ में समय व्यतीत करना पसंद होगा। और ना ही अनुशासन के नियम आपको बोझ लगेंगे। जब आप अपने जीवन में अनुशासन को अपनाते हो। तो आपको इससे इतने लाभ देखेने को मिलेंगे, कि आप ना चाहते हुए भी अपने कार्यों को समय के साथ पूरा करेंगे। और धीरे-धीरे समय के साथ चलना सीख जाएंगे। क्योंकि समय के साथ चलना तभी मुमकिन है।

जब आप अपने जीवन में अनुशासन को अपनाते हैं। और जो व्यक्ति समय के साथ चलना सीख जाता है। वह धीरे-धीरे सफलता की और ही अग्रसर होता है। अनुशासन आपके अंदर इतनी सारी सकारात्मक को जन्म दे देता है। जिससे आपको ऐसा प्रतीत होने लगेगा कि आपका जीवन किसी स्वर्ग से काम नहीं है। आपको हर तरफ सकारात्मक दिखाई देगी। आपके अंदर से यह आवाज आएगी कि हां मैं इस कार्य को कर सकता या कर सकती हूं। क्योंकि अनुशासन एक ऐसा गुण है। जो व्यक्ति के व्यक्तित्व का सही मायने में सृजन करता है।

हमें अपने जीवन में अनुशासन से इतनी लाभ देखने को मिलेंगे। कि हम खुद के साथ-साथ अपने आसपास के लोगों को भी अनुशासन का महत्व समझाएंगे। और बताएंगे कि किस प्रकार आप अनुशासन को अपनाने के बाद अपने जीवन को सही तरीके से खुलकर जी पा रहें हैं। और अपने हर एक कार्य को नियमित रूप से सही तरीके से कर पा रहे हैं। जिससे आप केवल और केवल सफलता की ओर अग्रसर हो रहे हैं। और अगर आपके अंदर अनुशासन है। तो आपको हर जगह मान और सम्मान मिलेगा। आप जहां भी जाओगे आपको सभी लोग सम्मान की दृष्टि से देखेंगे और आपकी पुछ हर जगह होगी।

अनुशासन का पालन कैसे करना चाहिए ?

अनुशासन को अपने जीवन में अपने के लिए आपको सर्वप्रथम ये प्रण लेना होगा। कि आप अनुशासन के सभी नियमों का नियमित रूप से पालन करेंगे। ना की केवल दो-चार दिनों के लिए। अनुशासन को अपने जीवन में अपनाने के लिए। सर्वप्रथम, आपको अपने जीवन का एक सही दिनचर्या बनाना होगा। और अपने जीवन के सभी कार्य उसी दिनचर्या के अनुकूल ही करने होंगे।
प्रतिदिन पप्रातःकाल में जगकर नियमित रूप से स्नान करके भगवान का स्मरण करने के बाद दिनचर्या के अनुकूल समय पर संतुलित भोजन ग्रहण करना चाहिए।

उसके बाद अपने सभी कार्यों को अपने दिनचर्या के अनुकूल अपने समय पर ही करना चाहिए। व्यर्थ की चीजों में अपने समय को नष्ट नहीं करना चाहिए। बल्कि अपने समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए। और अपने जीवन में कभी भी ऐसी गलत आदतो को नहीं अपनाना चाहिए। जिससे आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़े। जो आपके अनुशासन के बिल्कुल भी अनुकूल न हो। जो आपके जीवन की सफलता में बाधा बने।

अनुशासन का उद्देश्य क्या होता है ?

अनुशासन का उद्देश्य क्या होता है

अनुशासन का हमारे जीवन में केवल एक ही उद्देश्य होता है। हमें एक सही सफल और आदर्श व्यक्ति बनाना। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को आम से खास बनाना। अनुशासन किसी व्यक्ति को उसके जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। उसे यह समय-समय पर स्मरण करता है, कि तुम्हारा लक्ष्य क्या हैं। वो समय–समय पर हमे प्रेरित करते रहता है। और हमारे अंदर समस्याओं से लड़ने की क्षमता को जन्म देता है।

अनुशासन को कैसे बनाए रख सकते है ?

जीवन में अनुशासन को अगर बनाए रखना है। तो अनुशासन के सभी नियमों का पालन हमे नियमित रूप से करना चाहिए। तभी हम अनुशासन को अपने जीवन में बनाए रख सकते हो।

अनुशासित व्यक्ति की पहचान क्या होती है ?

अनुशासित व्याक्ति की कई सारी पहचान होती है। जिनमें से कुछ पहचान इस प्रकार है।

  1. जो सदेव समय का सदुपयोग करना जानता हो।
  2. जो अपने कीमती समय को कभी भी व्यर्थ के चीजों में नष्ट नही करता हो।
  3. जो अपनी एक दिनचर्या बनाता है। और उसी के अनुकूल अपने सारे कार्य करता हो।
  4. जो अपने सारे कार्य समय पर पूरा करता हो।
  5. जो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नियमित ढंग से मेहनत करता हो।
  6. जो अपने से बड़ों का सम्मान करना जानता हो।
  7. जो अपने से छोटों को प्यार करना जानता हो।
  8. जो अनुशासित ढंग से प्रतिदिन विधयालय और कॉलेज जाता हो।
  9. अपने विद्यालय और कॉलेज द्वारा दीये गए सभी कार्य समय पर पूरा करता हो।
  10. जो अपने अध्यापक की कही गई बातों को ध्यान पूर्वक सुनता हो और अपने जीवन में उसे उतरता हो।
  11. जो प्रतिदिन समय पर जागता हो।
  12. जो प्रतिदिन समय पर भोजन करता हो।
  13. जो कभी भी अपनी बातों में अपशब्द का प्रयोग न करता हो।
  14. जिसके बातों में मिठास होता हो।
  15. जो गलत चीज़ों से दूर रहता हो।
  16. जो नशा का सेवन न करता हो।
  17. जो औरतों को सम्मान की दृष्टि से देखता हो।
  18. जो कभी भी किसी की हसी न उड़ाता हो।
  19. जिसका लक्ष्य केवल अपना लक्ष्य पूरा करना हो।
  20. जो जीवन को नियम और सही ढंग से जीना जाता हो।

जिस भी व्यक्ति के अंदर यह सारे गुण होते हैं। और जो समय का सही रूप से सदूपयोग करना जानता हो। वह व्यक्ति एक अनुशासित व्यक्ति होता है। और उसे जीवन में सफलता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता।

निष्कर्स:

हमनें अपने इस आर्टिकल के माध्यम से अनुशासन पर लेख (Anushasan Par Lekh) और अनुशासन से जुड़ी सभी बातें आपको ठीक प्रकार से बताने क्या प्रयास किया है। मुख्य रूप से अनुशासन की बात करे तो अनुशासन हमे जीवन को जीने का एक सही सलीका बताता है। और हमे यह बताता है की किस प्राकार हमे अपने जीवन में संतुलन बनाए रखना है। और अपने समय का सदैव सदुपयोग करना है। और अच्छा व्यवहार करना, सभी के साथ प्रेम भाव से रहना। और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे नियम से और नियमित रूप से मेहनत करना चाहिए।

FAQs: Frequently Asked Questions

अनुशासन किन दो शब्दों के मिलने से बना है?

अनुशासन शब्द अनु+शासन के मिलने से बना है जिसका अर्थ होता है नियंत्रण में रहना।

अनुशासन का मूल अर्थ क्या है?

संयमता पूर्वक जीवन के हर कार्य को नियमित रूप से करते रहना।

जीवन में अनुशासन क्यों जरूरी है?

जीवन में अनुशासन इसलिए जरूरी है। क्योंकि अगर हमारे जीवन में अनुशासन नहीं होगा। तो हम कभी भी अपने कार्य को समय पर पूरा नहीं कर पाएंगे। और हर वक्त हर चीज में पीछे रह जाएंगे। जिससे हम कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएंगे।

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