नारी शिक्षा पर निबंध | Nari Shiksha Par Nibandh In Hindi

हम अपने आज के इस आर्टिकल में आप सभी को नारी शिक्षा पर निबंध (Nari Shiksha Par Nibandh) बताएंगे। जो कि परिक्षा और ज्ञान की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण हैं। तो आईए जानते हैं नारी शिक्षा पर निबंध।

Table of Contents

नारी शिक्षा पर निबंध हिंदी में | Nari Shiksha Par Nibandh In Hindi Language

जैसा कि आप सभी को ज्ञात है, जनसंख्या के मामले में भारत पूरे विश्व में No. 1 पर है। और यहां शिक्षित नारियों की संख्या काफी कम है। जिसका कारण है कि इसे हमेसा से ही पुरुष प्रधान देश कहा जाता था। यहां हर छेत्र में पुरूष की ही प्रधानता दिखने को मिलती थीं। पुरूष की तुलना में महिलाओं की महत्ता बहुत कम थीं। सभी पुरुष खुद को सदेव सर्वश्रेष्ठ समझते थे। और महिलाओं को केवल घर गृहस्थी तक ही सीमित रखा जाता था। स्वतंत्र होने के बावजूद भी उन्हें आजादी से वंचित रखा जाता था। ऐसा नही था की उनके ऊपर सभी अत्याचार करते थे जाता था।

लेकिन हां ये एक परंपरा बन गई थी। ये लोगो की मानसिकता बन गई थी। जिसमे महिलाओ को अपने हिसाब से जीने का हक नही दिया जाता था। उन्हें घर की इज्जत मान कर घर के चार दिवारी में रखा जाता था। और इन्ही सारी गलत परंपराओं को हमेसा के लिए खत्म करने के लिए हमारे संविधान में और हमारे सरकार ने कई सारी नीतियां बनाई है। और कई सारी योजनाओं का निर्माण किया हैं। नारी शिक्षा की शुरुआत 1854 ईस्वी से हुई थीं। परंतु आज के समय में भी कई छोटे– मोटे राज्य ऐसे है, जिसके छोटे–मोटे गांवों में आज भी ये मानसिकता जीवित है।

जहाँ आज भी महिलाओं की शिक्षा को अनदेखा किया जाता है। परंतु ऐसे भी कई राज्य, शहर, गांव है, जहां अब नारी शिक्षा को बहुत महत्व दिया जाता है। सभी लोग अपने घर की बहू–बेटियों को शिक्षत बनाते हैं। और उन्हें खूब पढ़ते लिखाते हैं। और उनके शिक्षा को महत्व देते हैं। जिन्हे हम नारी शिक्षा पर निबंध के रूप में जानेंगे।

जो कि ज्ञान के साथ साथ वर्ग 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 तक के सभी छात्रों के लिए परिक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं।

नारी शिक्षा पर निबंध वर्ग 1 से 8,9,10 तक के लिए | Nari Shiksha Par Nibandh For Class 1 To 8,9,10

प्रस्तावना:

है नर और नारी एक समान ,
यू ना करो तुम नारी का अपमान,
शिक्षा तो है सबके लिए समान,
तो क्यों है ये देश केवल पुरुष प्रधान?

अर्थात नर और नारी सभी तो मां के कोख से ही जन्म लेते है। तो क्यों ये समाज नारी को हक और स्वतंत्रता से वंचित रखना चाहती है। क्यों उन्हे शिक्षा से वंचित रखा जाता है? क्यों ऐसा समझा जाता है कि पुरूष ही देश का आज और देश का भविष्य है नारी क्यों नहीं। बल्कि सत्य तो ये है कि अगर नारी को उसके अधिकार दे दिए जाए तो ये वो कर के दिखाएंगी। जिससे इस देश का भविष्य और भी कई गुणा ज्यादा उज्जवल हो जाएगा।

नारी शिक्षा वंचित समाज

नारी शिक्षा पर निबंध में हम आपकों बताएंगे कि किस प्राकार पुर्व समय में नारियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता था। पहले के समय में लोगो की सोच काफी अलग हुआ करती थी। जिसमे नारियों का काम केवल घर के काम जैसे झाड़ू, पोछा, बर्तन, भोजन पकाना, गाय–भैसो की देख रेख करना इन्ही सब तक सीमित था। ना तो उन्हे शिक्षा प्राप्त करने का हक था और न ही घर से बाहर जाकर अपने मन चाहे काम को करने का हक था। उन्हे हक था तो केवल और केवल अपने परिवार की सेवा करने का।

देश तो आजाद हो गया था परंतु ऐसे समाज को इन कुरूतीयों से आजादी नहीं मिली थीं। और इन सब का मुआवजा नारी को भुगतना पड़ता था। ऐसी मान्यता थी, कि पढ़ाई करने का और अपने पसंद का कार्य करने का हक केवल और केवल पुरुषों को है। क्योंकि पुरूष से ही इस देश का वर्तमान और भविष्य है। वो नारियों की शक्तियों से वंचित थें, क्योंकि इन्हें कभी भी ये हक प्राप्त ही नही कराए गए थे। वो समाज केवल पुरूष प्रधान हुआ करता था।

नारी शिक्षा वंचित समाज कभी भी सकारात्मक समझ नहीं बन सकता है। जिस समाज में नारी शिक्षा को अनदेखा किया जाता है। वह कभी भी एक अच्छे समाज का उदाहरण नहीं हो सकता। अगर नारी शिक्षा को अनदेखा किया जाता है। तो कहीं ना कहीं इससे हमारे देश को भी काफी नुकसान भुगतना पड़ता है। क्योंकि अगर पुरुष और स्त्री दोनों ही शिक्षित रहेंगे। तो हमारे देश में अशिक्षित लोगों की संख्या घटकर शिक्षित लोगों की संख्या बढ़ जाएगी। जिससे हमारा देश का विकास होगा। जगह-जगह पर स्कूल कॉलेज के डिमांड्स बढ़ेंगे। जो कि हमारे समाज के लिए काफी सकारात्मक और हमारे देश के लिए काफी गर्व की बात होगी।

एक परिवार में अगर एक महिला शिक्षित होती है। तो वह पूरे परिवार को शिक्षित बना देती है। वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकती है। वह एक समाज को सकारात्मक समाज बना सकती है। और वह किसी पर आश्रित ना होकर स्वयं स्वतंत्र बन सकती है। परंतु धिरे धिरे समय बीतता गया और समय के साथ साथ लोगो की सोच मे नारी शिक्षा और भी ऐसे कई सारे बदलाव होने लगे। और अब तो हमरी सरकार भी नारी शिक्षा पर बल दे रही है। और नारियों को शिक्षित बनाने के लिए कई सारे अभियान भी चला रही है। जिससे गरीब घर की लड़कियों को भी उच्च स्तर पर शिक्षा मिल सकें।

नारी शिक्षित समाज | नारियों की वर्तमना स्तिथि

Nari Shiksha Par Nibandh : नारी शिक्षा निबंध में अब हम आपकों बताएंगे की एक नारी शिक्षित समाज कैसा होता है? और जब एक नारी ठान ले तो वो क्या कुछ नही कर सकती। पहले के समय में ऐसा हुआ करता था कि, नारियों की शिक्षा को अनदेखा कर दिया जाता था। परंतु अब सोच बदल रहा है। लोगो की विचारधाराएं बदल रही है। देश विकसित हो रहा है। और आज के इस विकसित दौर में सभी महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है, और हर छेत्र में आगे बढ़ रही है। परंतु पहले के समय में कहीं न कहीं लोगो के मन में ये धारणाएं थी कि, महिलाओ को पढ़ाने की क्या आवश्यकता है।

जब आगे चल कर उन्हे चुहला–चौका ही करना है। परंतु कहते है न समय के साथ बदलाव तो होता ही है। चाहे छोटे रूप में हो या बड़े रूप में हो, परंतु बदलाव होता तो अवश्य है। आज के इस नए और विकसित दौर में महिला और पुरुष के बीच या ये भेदभाव बहुत हद तक कम ही देखने को मिटा है। क्योंकि आज के माता पिता जीवन में इस शिक्षा के महत्त्व को बखुबी समझ गए है। उन्हे ये समझ आ गया है कि बेटे ही नहीं बल्कि बेटियां भी हमारा नाम और हमारे देश का नाम रोशन कर सकती है।

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इसलिए इस विकसित समाज में अब नारी शिक्षा को भी बहुत महत्व दिया जाता है। और यही कारण है अब का समाज पहले की तुलना में काफी शिक्षित और काफी सकारात्मक समाज है। शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यह हमारे जीवन में एक मुख्य भूमिका निभाती है। इस महंगाई के दौर में सरवाइव करना बहुत कठिन हो गया है। हर चीज में महंगाई आसमान छू रही है। लोगो को आर्थिक रूप से प्रेषणियो का सामना करना पड़ रहा है।

परंतु जिस घर में पुरूष के साथ साथ स्त्रियां भी पढ़ी लिखी है। तो वो भी आज अलग अलग छेत्रों में काम कर रही है। और आर्थिक रूप से खुद को मजबूत बना रहीं है। जीवन एक रथ के समान है। जिस प्रकार एक पहिये के धस जाने या उसमे जंक लग जाने से, केवल दुसरे पहिए के सहारे से रथ को नही चलाया जा सकता। उसी प्रकार जीवन में स्त्री और पुरुष दोनों का सामान महत्त्व है। अगर नर और नारी दोनों ही शिक्षित रहे तो वो अपने जीवन की गाड़ी को सही ढंग से चला सकते है। उन्हे किसी पर भी आश्रित होने की आवश्यकता नही पड़ती हैं।

आज के वर्तमान स्थिति में जिस प्रकार शिक्षा को इतना महत्व दिया जा रहा है। तो इसके फल स्वरुप हमें यह देखने को मिल रहा है कि किस प्रकार हर क्षेत्र में महिलाएं हमारे देश का नाम रोशन कर रही है। और इस नारी शिक्षित समाज में अब महिलाओं को किसी पर आश्रित होने की आवश्यकता नहीं है। वह बाहर निकल कर अपने अनुकूल कार्यों को करने में सक्षम है। और वह कई सारे सामाजिक क्रियाओ में भाग लेती है। और एक स्वतंत्र जीवन जीती है।

नारी शिक्षा क्यों आवश्यक है?

नारी शिक्षा क्यों आवश्यक है

शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। और आज के समय में तो केवल और केवल शिक्षा की ही पूछ हर जगह है। आप कही भी चले जाओ हर जगह आपकों शिक्षा की आवश्यकता देखने को मिलेंगी। तो ऐसे में नारी की शिक्षा को अनदेखा करना कतई सही नही हैं।

शिक्षित होने की आवश्यकता आज के समय में सभी को है। वो समय गया जब नारी (महिलाएं) केवल गृहस्थी संभालने का कार्य करती थी। आज की महिलाएं इन सभी से कई गुना ज्यादा उपर उठ कर देश विदेश में नाम कमा रही है। क्योंकि उन्हें अब समझ आ गया है अगर अपना अस्तित्व बनना है और खुद को आम से खास बनाना है। तो हमे सर्वप्रथम शिक्षित होने की आवश्यकता है। [Nari Shiksha Par Nibandh]

आईए देखते है, नारी शिक्षा क्यों आवश्यक है?

  • सर्व प्रथम हर व्याक्ति की खुद की पहचान होनी बहुत आवश्यक है। कब तक एक महिला अपने पति अपने पिता के पहचान के तले रहेगी। उनकी खुद की भी कोई ना कोई पहचान होनी आवश्यक है। और खुद की पहचान बनाने के लिए आवश्यक है उनका शिक्षित होना, क्योंकि एक व्यक्ति की पहचान उसके नाम से होती है। और किसी को अपना नाम तक लिखने न आए तो ऐसे व्यक्ति का कोई अस्तित्व नही रहता।
  • नारी शिक्षा इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि कब तक एक महिला किसी और पर आश्रित रहेगी। उनके अंदर ये क्षमता स्वयं होनी चाहिए, कि वो अपने खर्चे स्वयं उठा सके। उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी और पर आश्रित ना रहना पड़े। इसलिए नारी शिक्षा आवाश्यक है ताकि ये किसी भी महिला को अपने पैरो पर खड़े होने की हिम्मत दे सकें।
  • अगर एक महिला शिक्षित होती है। तो वो एक सकारात्मक और सुंदर समाज को निर्माण करने की पूरी क्षमता रखती है। क्योंकि जब एक महिला शिक्षित होती है। तो ए अपने साथ साथ अपने परिवार और समाज को भी शिक्षित बना देती है। वो अपने बच्चों को समाज के बच्चों को अच्छे संस्कार देती है। अच्छी अच्छी बातें सिखाती है।
  • अगर नारी शिक्षा पर बल दिया जाए तो वो डॉक्टर, इंजीनियर, आईपीआई, आईईएस, वकील, जज, और भी बहुत कुछ बन सकती है, और देश की तरक्की में अपने योगदान दे सकती है। जिससे देश में शिक्षित और समझदार लोगो की संख्याओं में बढ़ोतरी होगी।
  • नारी शिक्षा इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि जैसे पुरुष देश के लिए कार्य कर रहे हैं। तो काम तो हो रहा है। परंतु अगर इनके साथ महिलाएं भी कार्य करे। तो देश के लिए कार्य करने वाली की संख्याएं बढ़ेंगी और देश और भी तरक्की करेगा।
  • आज के इस वर्तमान परिस्थिति में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि परिवार के किसी एक सदस्य के काम करने से आर्थिक जरुरते पूरी नहीं हो सकती। इसलिए अगर नारी भी शिक्षित रहेगी तो वो भी कोई ना कोई काम करके अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से सहायता कर पाएगी।
  • नारी शिक्षा की एक और आवश्यकता ये भी है कि, जिस प्रकार शिक्षा के अभाव में लोगो को किसी चीज का ज्ञान न होने के कारण, अन्हे अपने जीवन यापन के लिए कुछ गलत रास्तों को चुनना पड़ता है। या किसी के घरों में नौकरानियों वाले काम करने पड़ते हैं। परंतु अगर वही महिला शिक्षित होगी। तो उन्हे अपने जीवन यापन के लिए इन सारे रास्तों को नही चुनना पड़ेगा और वो अपनी इज्जत के साथ दो पैसे कमा कर अपना जीवन यापन कर पाएंगी।
  • इस बढ़ते टेक्नोलॉजी के नए दौर में ये धोखा धडी के कई सारे मामले देखने को मिल रहे है, और इन सब का सीकर केवल वही महिलाएं हो रही है। जिन्हे किसी भी चीज का ज्ञान न हो जो बिल्कुल अशिक्षित हो। इसलिए आवश्यक है की नारी शिक्षा पर बल दिया जाय जिससे वो इन धोखा धडी के मामलों में स्टार्क हो पाए।

नारी शिक्षा का महत्व | Nari Shiksha Ka Mahatva In Hindi

जीवन में शिक्षा का ही महत्व है। शिक्षा ही एक मात्र ऐसा रास्ता है। जो आपको हर परेशानी से निकाल सकता है। दुनिया में सिर्फ और सिर्फ शिक्षित व्यक्ति की ही पूछ है। अशिक्षित व्यक्ति की कही पूछ नही है। इसलिए सरकार भी अब शिक्षा पे बहुत जोर दे रही है और खास कर नारी शिक्षा पर, क्योंकि लोग अपने बेटे को तो पढ़ाते है। परंतु बेटियों को नही पढ़ाते है। इसलिए सरकार खास कर लड़कियों के लिए कई सारे योजनाएं बना रही है।

आईए जानते है नारी शिक्षा का महत्व..

  • अगर एक नारी शिक्षित होती है। तो वो अपनी एक पहचान बना सकती है। जो की किसी भी व्याक्ति का अस्तित्व होता है।
  • अगर एक नारी शिक्षित होती है। तो वो अपनी जिमीदेयों को स्वयं पुरा करने में सक्षम रहती है। उन्हे किसी पर आश्रित नहीं रहना पड़ता हैं।
  • एक शिक्षित नारी अपनी मान सम्मान की रक्षा स्वयं करने में सक्षम रहती है। क्योंकि शिक्षा हमारे अंदर साहसों को जन्म देती है कि हम खुद के लिए आवाज उठा सकते है।
  • नारी के शिक्षित रहने से पूरे समाज में सकारात्मकता फैल जाती है। समाज से नकारात्मकता को दूर कर देती है।
  • नारी का शिक्षित होना देश के लिए भी काफी लाभकारी साबित हुआ है। क्योंकि ऐसे में देश में शिक्षित लोगो की संख्या बढ़ती है और देश को कई सारे लाभ भी होते हैं।
  • अगर नारी शिक्षित होती है तो वो अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे पाती है। जिसकी बच्चों को बहुत आवश्यकता होती है।
  • अगर माता और पिता दोनो ही शिक्षित होते है। तो इसका एक बहुत अच्छा प्रभाव उनके बच्चों पर पड़ता है। क्योंकि उन्हें एक सही मार्गदर्शन उनके माता पिता द्वारा मिल जाता है।
  • एक नारी शिक्षित होकर अपने परिवार के साथ–साथ डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, आईपीएस, आईएस आदि बन कर समाज के लोगों की और देश की भी सेवा कर सकती हैं।
  • एक शिक्षित नारी अपने परिवार की आर्थिक रूप से भी सहायता कर सकती है। क्योंकि इस महंगाई की दौर में केवल किसी एक के कमाने से घर नही चलता।
  • एक नारी के लिए उसकी इज्ज़त सबसे बड़ी होती है। और अगर वो शिक्षित होती है तो वो अपना जीवन यापन इज्ज़त के साथ दो पैसे कमा कर कर सकती हैं।

चर्चित महिलाएं :

हम अपने इस आर्टिकल नारी शिक्षा पर निबंध (Nari Shiksha Par Nibandh) के माध्यम से आपको एक नारी शिक्षित समाज की झांकी दिखाएंगे। जो हमारे देश में अलग-अलग क्षेत्र में नाम रोशन कर रही है। जिनके चर्चे आज भी हो रहे हैं। और आने वाले भविष्य में होते रहेंगे। जिनके नाम इतिहासों के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से लिखे गए हैं। जिन्हें कमजोर समझ जाता था वह किस प्रकार आज हमारे देश की शक्ति के रूप में उभर रही है।

मदर टेरेसा | Mother Teresa

Mother Teresa

मदर टेरेसा एक काफी सॉफ्ट नेचर वाली महिला थीं। मदर टेरेसा को 1979 में शांति का नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था। ये नोबेल पुरुस्कार पाने वाली प्रथम भारतीय महिला थीं। इन्हे नोबेल पुरस्कार से इसलिए सम्मनित किया गया था। क्योंकि इन्होंने लंबे समय तक गरीबों और असहाय लोगों की सहायता की थी।

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल | Pratibha Patil

Pratibha Patil

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल एक ऐसी महिला थीं जिनपे हमारे देश को काफी गर्व है। ये भारत की बारवी नंबर पर बनने वाली प्रथम भारतीय महिला राष्ट्रपति थी। ये भारतीय कॉन्ग्रेस पार्टी की मेंबर थी। इन्होंने 2007 से 2012 तक शासन किया था। ये बहुत पढ़ी लिखी महिला थीं।

कल्पना चावला | Kalpana Chawla

Kalpana Chawla

कल्पना चावला ने बहुत कम उम्र के ही कुछ ऐसा कर के दिखा दिया था। जिन्हे आज भी लोग याद करते है। और इनपे हमारे देश को बहुत गर्व होता है। कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला बनीं थी। इन्होंने महज 35 वर्ष की उम्र में अपना ये सपना पूरा कर इतिहास रच दिया था। इन्होंने अंतरिक्ष के लिए सर्वप्रथम कोलंबिया सटल से 19 नवंबर 1997 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थीं।

इन्होंने 19 नवंबर से 5 दिसंबर 1997 तक 372 घंटे बिताए थे। और पृत्वी के चारो ओर 252 बार चक्कर भी लगाए थें।
कल्पना चावला ने पुनः 5 जनवरी 2003 में दूसरी बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरा था। सात अंतरिक्ष दल के सदस्य जो कोलंबिया अंतरिक्ष यान आपदा में मारे गए थे उनमें से एक कल्पना चावला भी थी। नकी मृत्य ( 1 फरवरी 2003 ) को हुई थीं।

किरण बेदी | Kiran Bedi

Kiran Bedi

किरण वेदी एक ऐसी महिला थीं। जो भारत की पहली महिला आईपीएस बनी थी। जिन्होंने भारत देश में जेल सुधार जैसी योजनाओं को शुरू करने में अपना अहम योगदान दिया है।

सानिया मिर्ज़ा | Sania Mirza

Sania Mirza

सानिया मिर्जा एक शानदार टेनिस खिलाड़ी है। जिन्होने बेहद कम उम्र में ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गेम्स को जीता है। और भारत को प्रथम पुरुष्कार दिलाए है। सानिया मिर्जा को 2006 में “पश्चिमी सम्मान” से सम्मानित किया गया था। वो ये सम्मान को पानी वाली पहली इतनी कम उम्र की महिला बनी थीं।

बछेंद्री पाल | Bachendri Pal

Bachendri Pal

बछेंद्री पाल एक ऐसी महिला थीं जिन्होंने पूरी दुनियां में पांचवी बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की थी। ये माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की प्रथम महिला थी। इन्होंने 23 मई सन् 1984 ईस्वी को माउंट एवरेस्ट पर अपनी चढ़ान सफलता पूर्वक पूरी करी थी और भारत का तिरंगा माउंट एवरेस्ट की चोटी पर लहराया था।

हरिता कौर देओल | Harita Kaur Deol

Harita Kaur Deol

हरिता कौर दियोल एक ऐसी महिला थी जो वायु सेना में प्रथम महिला पायलट बनी थीं।

ये सारी ऐसी महिलाएं थी जिन्होंने इतिहास रचा है। जिन्होंने देश के प्रति कईयों योगदान दिए है। इनके अलावे भी और भी कई ऐसी महिलाएं है। जिन्होंने देश के लिए योगदान दिए है। और कई सारे ऐसे कार्य किए है जिससे देश को इस गर्व होता हैं। इन्हे देख कर भी, हमे ये सीखना चाहिए कि, महिलाए किसी भी छेत्र में कम या कमज़ोर नही है। एक शिक्षित पुरूष देश के कुछ ही हिस्सो को शिक्षित कर सकता है। लेकिन एक महिला शिक्षित होके पूरे के पूरे देश को शिक्षित करने की क्षमता रखती हैं।

सरकार द्वारा चलाए गए योजनाएं | नारी शिक्षा पर बल

हमारे संविधान में भी अनुच्छेद 14 में भी सभी के लिए समानता की बात कही गई हैं। और कहा गया है स्त्री और पुरुष दोनों ही समान है। इसलिए हम लिंग के आधार पर, जाति के आधार पर, धर्म के आधार पर भेदभाव नही कर सकते है। उसी प्रकार भारत सरकार ने भी नारी शिक्षा को बहुत बढ़ावा दिया है, और बहुत सारे ऐसे कार्य भी किए है जिससे सभी नारी शिक्षित हो सके।

  1. सर्व शिक्षा अभियान : संविधान में 11 वे मौलिक कर्त्तव्य के तहत ये बातें कही गई है कि सभी 6 से 14 वर्ष के बच्चों को अनिवार्य अर्थात प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसलिए इस अभियान द्वारा सभी 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क प्रांभिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए सरकारी विद्यालयों का निर्माण कराया गया। जहाँ बच्चों को निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कराया जाता है।और निःशुल्क शिक्षा के साथ साथ उन्हे पोषक (यूनिफॉर्म) खरीदने के भी पैसे दिए जाते है।
  2. छात्रवीर्ति : इसके तहत सभी बच्चों को छात्रवृत्ति के रूप में पैसे दिए जाते है। और साईकिल खरीदने के भी पैसे सरकार इन बच्चों को उपलब्ध कराती है।
  3. कन्या उत्थान योजना : इसके तहत बिहार मे सभी लड़कियों को इंटर में प्रथम स्थान आने पर 25,000 का रकम और द्वितीय स्थान आने पर 10,000 रुपए दिए जाते है। और साथ ही स्नातक में पास करने पर लड़कियों को 50,000 रुपए दिए जाते है। जिससे वो अपनी आगे की पढ़ाई और अच्छे से पूरी कर सके।
  4. महिलाओ के लिए महाविद्यालयों का निर्माण : इसके तहत सरकार कई जगहों पर महिला कॉलेज बना रही है। जिसमें महिलाएं मन लगा कर पढ़ाई कर सकती है और अपने सपनों को पूरा कर सकती है।

इसी प्रकार सरकार ने योजनाएं बना कर नारी शिक्षा पर बल दिया है। [Nari Shiksha Par Nibandh]

नारी शिक्षा से लाभ

आर्थिक रूप से सहायता : महंगाई की इस दौर में लोगो के खर्चे काफी बढ़ गए है। जिससे लोगो की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए अगर एक परिवार में सभी शिक्षित रहेंगे। तो सब मिल कर काम कर पाएंगे और एक सुखी जीवन जी पाएंगे।

घर के बजट में सहायता : आज की शिक्षित नारी अपने घर खर्च में भी काफी योगदान दे रही है। क्योंकि वो पढ़ी लिखी है जिससे वो घर बैठे भी काम कर के पैसे कमा रही है। जिससे वो अपने परिवार के आर्थिक बजट में सहायता कर सके।

बच्चो की ठीक ढंग से देख भाल : नारी के शिक्षित होने से ये भी एक लाभ है कि वो अपने बच्चों की देख भाल ठीक ढंग से कर सकती है। और उन्हें अच्छे संस्कार दे सकती है। और पढ़ाई में भी उनकी सहायता कर सकती हैं।

आत्मनिर्भर : एक शिक्षित महिला आत्म निर्भर होती है। उन्हे अपनी जरूरतों को पुरा करने के लिए किसी पर भी आश्रित होने की आवश्यकता नही है। वो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वयं ही सक्षम होती हैं।

नारी शिक्षा में कौन कौन से बाधाए आती है?

गरीबी : नारी शिक्षा में सबसे बड़ी बाधा होती है गरीबी। जो नारी को शिक्षित बनने में एक कंकड़ के रूप बाधा बनती हैं। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण कई माता पिता चाहते हुए भी अपनी बेटियों को नही पढ़ा पाते है। क्योंकि पैसा ही लोगो को एडवांस बनाता है। जिनके पास पैसे है उनके लिए सब कुछ आसान और आम है। और जिनके पास पैसे नहीं हैं। उनके लिए सब कुछ बिलकुल नया रहता है।

प्रतिष्ठा : महिलाओं को घर का इज्जत कहा जाता है। जो की सत प्रतिशत सत्य भी है। परंतु इसे लोगो ने अपनी मानसिकता के अनुकूल बना लिया है। कुछ समाज में और कुछ घरों में लोग महिलाओ के पढ़ाई लिखाई को घर के प्रतिष्ठा के अनुकूल नहीं समझते थे। उनका ऐसा मानना था कि को महिलाएं शिक्षित होती है वो अपनी परिवार के प्रति जिम्मेदारियों को भूल जाती है। और बाहर निकल कर काम करने लगती है। जिसे ये लोग अपनी मान–मर्यादा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना समझती है।

मानसिकता : नारी शिक्षा की सबसे बढ़ी बाधा है ये मानसिकता। मानसिकता ही सभी चीजों की मुख्य जड़ है। आप जैसी मानसिकता बनाओगे आप उसी के अनुकूल बन जाओगे और सामने वाले को भी अपनी ही मानसिकता के अनुकूल समझोगे। उसी प्रकार कुछ लोगो ने ये मानसिकता बना लिया है कि, नारी शिक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि चाहे कुछ भी हो उन्हे केवल और केवल घर के काम करने है। अगर वो इन कामों के अलावे घर बैठ कर या बहार निकल कर कोई भी कार्य करती है। तो वो किसी भी परिस्थिति में उचित नही है।

इसलिए जरूरी है कि हम अपनी इस तुच्छ मानसिकता को बदले और एक बेहतर और शिक्षित समाज का निर्माण करें।

नारी शिक्षा पर कविता | Nari Shiksha Par Kavita

नारी शिक्षा पर कविता

हम उस समाज के है नागरिक,
जहा मां दुर्गा है नारी,
जहा मां सरस्वती है नारी,
जहा मां काली है नारी,
जहा मां लक्ष्मी है नारी,
पर असलियत मैं यहां बेचारी है नारी।।

हम उस समाज के नागरिक हैं,
जहां विद्या की देवी हर साल पूजी जाती है।
वहीं दूसरी और विद्या पाने के लिए वही नारी
समाज से लड़ रही होती है।।

हम उस समाज के नागरिक हैं,
जहां नारी को प्राप्त कहियो उपनाम है।
पर वास्तव में क्या उन्हें मिल रहा सम्मान है?

हम उसे समाज के नागरिक हैं,
जो बड़े घर से कहते हैं,
“भारत माता की जय”
परंतु आज भी है नारियों में
इस समाज का भय ।।

आओ मिलकर संघर्ष करें,
समाज से इस नारी अशिक्षा का अंत करें।।

निष्कर्ष

नारी शिक्षा पर निबंध (Nari Shiksha Par Nibandh) मे जैसा कि आपने देखा कि किस प्रकार नारी की शिक्षा पर बल देना आवश्यक है। नारी शिक्षा का क्या महत्व है तो इन सबको पढ़ने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते है कि हम सभी को एक जुट होकर नारी शिक्षा पर हाल देना चाहिए। ताकि हमारा समाज पूरी तरह से शिक्षित बन सके। और समाज में सकारात्मकता पनप सके। और धीरे धीरे जो बचे खुचे ऐसे जगह है। जहाँ आज भी नारी शिक्षा को अनदेखा किया जा रहा है। एकजुट होकर इन जगहों से भी इन कुरीतियों का अंत करना करने के लिए संघर्ष करने चाहिएं।

नारी शिक्षा पर मेरे विचार

अगर नारी शिक्षा पर मैं अपने विचार आपको बताऊं मैं इससे सहमत हूँ कि हमे नारी शिक्षा पर बल देना चाहिए। पहली बात तो मेरे नजर में स्त्री और पुरुष दोनों ही एक समान है। इसलिए सबसे पहले तो हमे समाज में इस भेद भाव को खत्म करना होगा तभी हम उन्हे नारी शिक्षा के महत्त्व को समझा पाएंगे। और मै खुद एक लड़की हूँ। मैंने देखा तो नही लेकिन हाँ सुना जरूर है कि इस समाज में जो पहले की महिलाएं थी। उन्हे शिक्षा से वंचित रखा जाता था। कैसे उनकी पढ़ाई की उम्र में शादी करा दी जाती थी।

जिस कारण उनकी पूरी ज़िंदगी इस घर गृहस्ती को संभालने में ही निकल जाती थी। लेकिन मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि धीरे धीरे समय बदल रहा है। लोगो के सोच में परिवर्तन हो रहे है। और अब के लोग लड़कियों के ऊपर घर की ज़िम्मेदारी नही देते बल्कि उन्हें कुछ कर दिखने का हौसला देते है। मेरे विचार से एक नारी को आत्मनिर्भर होना चाहिए। ताकि वो अपनी जिम्मेदारियां खुद उठा सके। क्योंकि कहते है न एक नारी सब पर भारी।

FAQs: Frequently Asked Questions

नारी शिक्षा क्यों आवश्यक है?

नारी शिक्षा इसलिए आवश्यक है कि, ताकि एक नारी अपनी जिम्मेदारियों को उठाने में स्वयं सक्षम हो सके। उसे किसी पर आश्रित न होना पड़े।

नारी शिक्षा की शुरुआत किस ईस्वी से को गई थी?

1854 ईस्वी से।

नारी शिक्षा का लक्ष्य क्या है?

नारी शिक्षा से एक परिवार के साथ साथ वो एक समाज को भी नई दिशा दिखाना और समाज में सकारात्मकता लाना हैं।

नारी शिक्षा का क्या महत्व है ?

नारी शिक्षा का महत्व यह है कि ये समाज को एक सही दिशा दिखती है और स्त्रियों को सेल्फ इंडिपेंडेंट बना देती है।

नारी शिक्षित समाज कैसा होता है?

नारी शिक्षित समाज कल्याणकारी और सकारात्मक समाज होता है।

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